मेधा, समझने में थोड़ा कठिन अवश्य है फिर भी मुझे आशा है कि तुम समझ सकोगी मेधा, समझने में थोड़ा कठिन अवश्य है फिर भी मुझे आशा है कि तुम समझ सकोगी
दूसरों की तलाश में बिना गहराई से खोजे निकल जाते हैं कि व्यक्ति इस तरह से व्यवहार क्यों दूसरों की तलाश में बिना गहराई से खोजे निकल जाते हैं कि व्यक्ति इस तरह से व्यवहार...
आज बिंदु को ख़ुद के बदन पर ग़ुस्सा आ रहा था और विवेक के नेक दिल पर उसकी आँखों से पश्चाताप के आँसुओं की... आज बिंदु को ख़ुद के बदन पर ग़ुस्सा आ रहा था और विवेक के नेक दिल पर उसकी आँखों से प...
मेरे लिए उनके मन में बेतहाशा सम्मान उमड़ आया था। मेरे लिए उनके मन में बेतहाशा सम्मान उमड़ आया था।
आप भी ना- क्या-क्या सोचते रहते हो, इतने बड़े देश में क्या फर्क पड़ता है आप भी ना- क्या-क्या सोचते रहते हो, इतने बड़े देश में क्या फर्क पड़ता है
“नहीं, नहीं मैडम जी, हम मांसाहार ना तो खाते हैं ना ही बनाते हैं, हम ब्राह्मण हैं”। “नहीं, नहीं मैडम जी, हम मांसाहार ना तो खाते हैं ना ही बनाते हैं, हम ब्राह्मण हैं...